छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियां | Chhattisgarh Janjati

इस पोस्ट मे छत्तीसगढ़ जनजातियों के बारे मे, उनके प्रमुख भाषा एवं बोली, कला-कौशल, लोक नृत्य, आर्थिक जीवन एवं देवी-देवताओं के बारे मे जानकारी दी गयी है।


भाषा के आधार पर वर्गीकृत जनजातियाँ
जनजातियों के नाम आर्य भाषा
कंवर, भुंजिया, धनवार, भैंना, बैगा, बिंझवार, हलबा इस वर्ग के जनजातियां अपनी स्थानीय क्षेत्रीय या मूल बोली को भूलकर मिश्रित बोली बोलते है। इस वर्ग की जनजातियां छत्तीसगढ़ी बोलते है।
जनजातियों के नाम आस्ट्रिक भाषा
मुंडा, कोरवा, माझी, गदबा, खरिया, बिरहोर इस वर्ग के जनजातियां मुंडा (मुंडारी बोली), कोरवा (कोरवा बोली), माझी (माझी बोली), गदबा (गदबा बोली), खरिया (खरिया बोली), बोलते है।
जनजातियों के नाम द्रविड़ भाषा
गोंड, उरांव, कोंध, दोरला, परजा इस वर्ग के जनजातियां भाषा समूह जैसे- गोंड (गोंडी या कोया ), उरांव (कुड़ुख), कोंध ( कुई), दोरला (दोरला), परजा (परजा) आदि बोलते है।
आर्थिक जीवन के आधार पर वर्गीकृत जनजातियाँ
शिल्पकार जनजातियाँ
जनजातियों के नाम कार्य
कमार, कंडरा, धनवार, सोंता, बैगा, माझी दोरला बांस से टोकरी, झाऊवां, सुपा, आदि
शिकारी पारधी जनजाति छींद के पत्तों से झाड़ू, चटाई, टोकरी आदि बनाते है।
बिरहोर, खोंड, कोल माझी मोहलाइन छाल से तथा उरई से रस्सी बनाते है।
अगारिया जनजाति लौह अयस्क को गला कर प्राप्त लोहा से कृषि उपकरण बनाते है।
कला कौशल जनजातियाँ
खैरवार जनजाति खैरवृक्ष से कत्था बनाते है।
वादी व ओझा जनजाति महिलाएं गोदना गोदने का काम करती है।
खाद्य संग्रह व शिकार जनजातियाँ
जनजातियों के नाम कार्य
बिरहोर व पहाड़ी कोरवा खाद्य संग्रह जैसे कंद-मूल, फल, जंगली-भाजी आदि। शिकार के लिए खरगोश, हिरण, गोह आदि।
आदिम कृषक, शिकार, एवं खाद्य संकलक जनजातियाँ
जनजातियों के नाम कार्य
बैगा, अबूझ्माड़िया, माझी, पंडो, कमार खाद्य संग्रह जैसे- कंदमूल, फल, शिकार, मछ्ली पकड़ना, आदि के साथ-साथ, जंगल के पेड़ को जला कर उस पर आदिम कृषि करते है। बैगा तथा पंडो जनजाति 'बेवर' खेती और अबूझ्माड़िया तथा कमार जनजाति 'पेंदा' खेती करते है।
छत्तीसगढ़ जनजतियों के युवागृह
जनजातियों के नाम युवागृह
मुरिया घोंटूल
उरांव धूमकुरिया
बिरहोर गीतिओरा
भुइंया रंगभंग
भरिया धासखासा
परजा धागबाक्सर
छत्तीसगढ़ जनजतियों के अलग-अलग देवी-देवता
जनजातियों के नाम देवी-देवता
गोंड दुल्हादेव
बैगा जनजाति बुढ़ादेव तथा ठाकुर देव
उरांव जनजाति सरना देवी
कोरवा जनजाति खुड़िया रानी
बिंझवार जनजाति विंध्यवासिनी
बिंझवार जनजाति विंध्यवासिनी
भतरा जनजाति शिकारदेवी
मुड़िया जनजाति आंगादेव
कंवर जनजाति सगराखंड
छत्तीसगढ़ जनजतियों के प्रचलित लोकनृत्य
जनजाति नृत्य
उरांव जनजाति सरहुल नृत्य
कंवर जनजाति बार नृत्य
भरिया जनजाति भडम नृत्य
सतनामी सामाज पंथी नृत्य
बैगा जनजाति करमा, परघोनी, बिलमा
मुरिया जनजाति गेंड़ि
माड़िया जनजाति गौर नृत्य
अबूझमाड़िया ककसार
कोरकू जनजाति थापड़ी/ढांढ़ल
गोंड़ जनजाति बिलमा, फाग

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